बांग्लादेश से भारत कैसे आई युवतियां , NIA ने पुलिस से मांगी रिपोर्ट
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मध्य प्रदेश
इंदौर 22 अक्टूबर 2021 - विजयनगर , लसूड़िया और एमआइजी थाना ने जिन बांग्लादेशी युवतियों को देहव्यापार के अड्डे से मुक्त करवाया उन्हें अवैध तरीकों से भारतीय सीमा में प्रवेश करवाया था। एनआइए सीमा पार पर सक्रिय दलाल और बीएसएफ की भूमिका जांच रही है। एनआइए ने इंदौर पुलिस से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है। मौखिक चर्चा में पुलिस ने सूरत से करोड़दरा इलाके का जिक्र भी किया है जहां सैकड़ों बांग्लादेशी लड़के-लड़कियां रहती है और भारतीय नागरिकता भी ले चुकी है।
महालक्ष्मीनगर स्थित एक गेस्ट हाउस से विजयनगर थाना पुलिस ने उन लड़कियों को मुक्त करवाया था जिन्हें बंधक बनाकर देहव्यापार के लिए मजबूर किया जा रहा था। पूछताछ में खुलासा हुआ लड़कियों को खरीद कर इंदौर लाया गया है। लड़कियों ने बताया इसका मुख्य अड्डा सूरत का बड़ोदरा इलाका है जहां सैकड़ों लड़कियां स्पा,पार्लर और होटलों में देहव्यापार कर रही है। ज्यादातर ने आधार कार्ड,वोटर आइडी कार्ड तक बनवा लिए और शादियां कर भारत में ही बस गई। मामले में हाल ही में एनआइए अफसरों ने संज्ञान लेते हुए इंदौर पुलिस से जानकारी मांगी है। एनआइए पूर्व में भी सीमा पार से आने वाले मामलों की जांच कर चुकी है।
सूत्रों के मुताबिक एक लड़की ने पुलिस को बताया बांग्लादेश में रहने वाले दलाल उन लड़कियों को चुनते है जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर होती है। नौकरी के बहाने उन्हें भरोसे में लेते है और भारतीय दलालों से मोलभाव करते हैं। लड़की का फोटो भेज सौदा तय कर लेते हैं। बातचीत होने पर दलाल दिनरात नदी,नालों और धान के खेतों में चलाते हुए भारतीय सीमा में धकेल देते हैं। बीएसएफ जवान भी ध्यान नहीं देते हैंं और लड़कियां मुर्शिदाबाद होते हुए कोलकाता पहुंच जाती हैं। यहां से सर्वप्रथम मुंबई के नालासुपारा क्षेत्र में ट्रेनिंग होती है और फिर विभिन्न शहरों में सप्लाई कर देते हैं।