सक्ती 19 अक्टूबर 2021 - राजवाड़ा का दिन तो गया लेकिन अब नाम के राजा रहे राजाओ का राजशाही घमंड आज भी बरकरार है यही वजह है की जिसे सक्ती के राजमाता रानी गीता देवी सिंह राणा ने अपना दत्तक पुत्र मानने से इंकार कर दिया उसे सक्ती राजा सुरेन्द्र बहादुर सिंह ने ना सिर्फ अपना उत्तराधिकारी बनाया बल्कि न्यायालय के स्थगन आदेश के बाद भी राज्याभिषेक या कहे राजतिलक कर बची खुची संपत्ति उसके हवाले कर दी।
अब यह सक्ती ( रियासत ) के लोगो पर डिपेंड करता है कि वह क्या इस थोपे गए नए राजा का उसी तरह सम्मान करते है जिस तरह राजा सुरेन्द्र बहादुर और स्वर्गीय पुष्पेन्द्र बहादुर सिंह का किया करते थे या फिर ,,,,
- पढ़े नव भारत अखबार में जारी इश्तहार -
आम सूचना मैं रानी गीता राणा सिंह पति राजा सुरेन्द्र बहादुर सिंह उम्र 73 साल , हरिगुजर पीला महल सक्ती जिला - जांजगीर - चांपा ( छ.ग. ) जो कि देव पुरुष हरिगुजर के वंशज स्व . चित्रभान सिंह के सुपुत्र स्व . राजा बहादुर लीलाधर सिंह ( रूलिंग चीफ ) के सुपुत्र स्व . युवराज जीवेन्द्र बहादुर के सुपुत्र राजा सुरेन्द्र बहादुर सिंह की एकमात्र ब्याहता रानी ( पत्नी ) हूं . मेरे पति राजा सुरेन्द्र बहादुर सिंह द्वारा महल में काम करने वाले नौकर स्व . धनेश्वर गोड़ पिता बदल सिंह गोड़ व पत्नी स्व . सुभद्रा ( पार्वती सिंह ) ग्राम- टोहिलाडीह ग्राम पंचायत नवापारा खुर्द तह . सक्ती निवासी का पुत्र धर्मेन्द्र सिंह गोड़ है , जिसके परिवार आज भी महल में बतौर नौकर के रूप में कार्य कर रहे है . धर्मेन्द्र सिंह गोड़ को उसके पिता धनेश्वर सिंह व उसके दूसरी पत्नी ( धर्मेन्द्र सिंह की मौसेरी मां ) रथबाई गोड़ से धर्मेन्द्र सिंह को मेरी गैर सहमति / जानकारी से पंजीयक अधिकारी रायपुर के नाम दत्तक विलेख को पंजीकृत नोटरी सत्यापन की गैरकानूनी दस्तावेज से मेरे पति राजा सुरेन्द्र द्वारा छलपूर्वक धर्मेन्द्र सिंह गोड़ को दत्तक पुत्र प्रचारित कर रहे है . जबकि हम धर्मेन्द्र सिंह गोड़ को पुत्र नहीं मानते है और न ही हमारा वह वारिस भी नहीं है . इस संबंध | में विभिन्न समाचार पत्रों में आम सूचना भी दे दी गई है तथा स्थानीय सिविल न्यायालय सुश्री भारती कुलदीप व्यवहार न्यायाधीश वर्ग दो सक्ती , पक्षकार श्रीमती गीताराणा सिंह विरूद्ध धमेन्द्र सिंह + 2 अन्य दी . मु.नं. 26 ए / 2021 में दत्तक विलेख अवैध एवं शून्य के संबंध में वाद प्रस्तुत है . हमारे दम्पत्ति का धर्मेन्द्र वारिस नहीं है , अनाधिकार व्यक्ति होने की घोषणा तक वाद लंबित है जिसकी तारीख पेशी 25.10.2021 को प्रभावित करने के लिए मेरे पति द्वारा धर्मेन्द्र सिंह गोड़ को वारिस घोषित करना हास्यापद राज्याभिषेक कार्यक्रम दिनांक 19.10.2021 को दोपहर 1 बजे आयोजित किये है चूंकि धर्मेन्द्र गोंड़ आपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति है उसके खिलाफ स्थानीय थाने सहित अन्य थाना क्षेत्र में कई प्रकरण दर्ज है व लंबित है . अतएव अपील करती हूं कि लोकतांत्रिक प्रणाली | में इस हास्यापद राज्याभिषेक विवाद पूर्व कार्यक्रम के साक्षी न बनें और न ही अनुसमर्थन करें . सहपत्र 1. पूर्व प्रसारित सूचना 2. शपथ पत्र . 3. वाद पत्र की प्रति . रानी गीताराणा सिंह हरिगुजर पीला महल सक्ती