तीन दिन की दुल्हन कैसे बनी आठ पुलिस वालों की हत्यारी ?? बिकरू कांड से 72 घंटे पहले पहुंची थी नाबालिग खुशी
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उत्तर प्रदेश
कानपुर 18 सितम्बर 2021 - बिकरू कांड में आरोपी नाबालिग की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार से पक्ष रखने को कहा है। हाईकोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद नाबालिग की ओर से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य व सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तंखा ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका पर दो सदस्यीय खंडपीठ ने सुनवाई की। सरकार का जवाब आने के बाद ही तय हो सकेगा कि नाबालिग को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलेगी या नहीं।
चौबेपुर के बिकरू गांव में 02 जुलाई 2020 की रात गैंगस्टर विकास दुबे के घर दबिश देने गई पुलिस टीम पर हमला कर बिल्हौर सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी गई थी। इसी मामले में गांव में तीन दिन पहले ब्याह कर आई किशोरी पर भी हत्याकांड में शामिल होने का आरोप है।
पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा था पुलिस का दावा था कि वह बालिग है लेकिन किशोर न्याय बोर्ड में वह नाबालिग साबित हो गई थी। जिसके बाद उसे बाराबंकी के राजकीय संप्रेक्षण गृह में रखा गया था। गंभीर आरोप के चलते पहले सेशन कोर्ट फिर हाईकोर्ट से नाबालिग की जमानत याचिका खारिज हो चुकी है अब नाबालिग ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
इंस्पेक्टर से रोते हुए बोली सर आपने तो मेरी जिंदगी ही बर्बाद कर दी सर आपने तो कहा था कि चलो कुछ जानकारी लेनी है, पूछताछ के बाद छोड़ देंगे। आपने तो मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी। किशोर न्याय बोर्ड से इजाजत लेकर नाबालिग ने इंस्पेक्टर चौबेपुर कृष्ण मोहन राय से ये सवाल किए तो उनकी नजरें झुकी रह गईं। साथ ही वहां मौजूद हर सदस्य एकदम शांत हो गया।
बता दे कि 02 जुलाई 2020 को हुए बिकरू कांड में कुख्यात आरोपियों के साथ नाबालिग खुशी को भी पुलिस ने गंभीर धाराओं में आरोपी बनाया है जबकि खुशी दो दिन पहले ही विकास के करीबी अमर दुबे के साथ शादी करके बिकरू पहुंची थी।
सोर्स - अमर उजाला