सक्ती की राजमाता , राजा सुरेन्द्र बहादुर सिंह की धर्मपत्नी भिखारन की तरह जीने को क्यो है मजबूर , कौन है राजमाता का असली गुनाहगार ????
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जांजगीर चाम्पा
सक्ती 12 जून 2021 - सक्ती राजमहल की बड़ी रानी , नगर की राज माता , सक्ती राजा सुरेन्द्र बहादुर की धर्मपत्नी गीता राणा सिंह आखिर भिखारन की तरह जीने को क्यो मजबूर है।
सक्ती की राजमाता गीता राणा सिंह को इस हालत पर पहुँचाने वाला कौन है ?
क्या नेपाल की एक बेटी ने इस उम्मीद में सक्ती के राजघराने में ब्याह कर आई थी कि उसे ससुराल में नरकीय जीवन जीने को मिलेगा ?
क्या वजह है कि राजमाता के बार बार शिकायत करने के बाद भी उसे पत्नी का दर्जा मिलना तो दूर राज महल में रहने को एक कमरा तक नही नसीब हुआ ?
अति तो तब हो गई जब राजमाता ने अपने अधिकार पाने के लिए कानून और मीडिया का सहारा लिया , बस फिर क्या था राजमहल के लोगो ने ना सिर्फ उन्हें एक कमरे में भूखा प्यासा छोड़ कर बाहर से ताला लगा दिया और कमरे की बिजली भी काट दी गई।
अब पूरी कहानी राजमाता गीता राणा सिंह की जुबानी -
राजमहल की बड़ी रानी गीता राणा सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि उनके पति राजा सुरेन्द्र बहादुर सिंह अविभाजित मध्यप्रदेश मे पाँच बार विधायक और दो बार कैबिनेट मंत्री रहे है। उनके पति राजा सुरेन्द्र बहादुर सिंह अब वृद्ध होने के चलते महल मे ही आराम करते है।
राजा साहब के महल मे कई पुराने सेवक है जो उन्हें भ्रमित कर उनसे लाभ अर्जित कर रहे है।
राजमाता गीता राणा सिंह ने बताया कि राजा साहब के सबसे पुराने व वफादार सेवक स्व.धनेश्वर सिंह सिदार के पुत्र धीरेन्द्र सिंह सिदार एवं उनके छोटे पुत्र धर्मेंद्र सिंह सिदार उर्फ मोगली अन्य लोगों के साथ उनके राजमहल मे निवासरत है।
धर्मेंद्र कुमार सिंह सिदार जो कि अपने आपको राज महल का राजकुमार बताते हुये समाचार पत्रों मे प्रेस विज्ञप्ति जारी करते रहता है जबकि वह उक्त राजघराने का नौकर है वारीस नही है और हमने उसे अपना वारिस स्वीकार भी नहीं किया है। जिसके संबंध में विभिन्न समाचार पत्रों मे आम इश्तहार उनके द्वारा जारी किया गया है।
राजमाता गीता राणा सिंह विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि उनके पति राजा सुरेन्द्र बहादुर सिंह को पेंशन एवं महल की अन्य सम्पत्तियों से अनेकों आय प्राप्त होती है जिसका धमेन्द्र सिंह सिदार , रोहित दोहरे , महल मे कार्यरत अन्य नौकरों की सहायता से सम्पत्ति का दुरूपयोग करते है।
उक्त संबंध मे जब रानी गीता राणा सिंह चर्चा के लिए अपने पति राजा सुरेन्द्र बहादुर सिंह से मिलना चाहती है तो उन्हें मिलने भी नही दिया जाता है। इतना ही नही राजमाता ने धमेन्द्र सिंह सिदार , रोहित दोहरे पर राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह का गलत इलाज कराने और उन्हें सही तथ्यों से परे गलत जानकारियां देने का आरोप लगाया है क्योंकि राजा सुरेन्द्र बहादुर सिंह स्वयं अपने से चलने फिरने मे असमर्थ हैं तथा देखने सुनने मे भी उन्हें बड़ी कठिनाई होती है।
राजमाता ने आगे बताया की वे हरिगुजर पीला महल सक्ती के ऊपरी तल के पूरे भाग पर रहती है, जिसमें से नीचे आने जाने का मात्र एक ही रास्ता है दिनांक 02 मई 2021 को रोहित दोहरे , धर्मेन्द्र सिदार एवं अन्य नौकरों ने ऊपरी तल पर जाने वाली बिजली आपूर्ति के बोर्ड को तोड़ दिया, पीने योग्य पानी की आपूर्ति भी बंद कर दिया साथ ही ऊपर से नीचे आने जाने के रास्ते को भी बाहर से बंद कर ताला लगा दिया था। जिसके कारण उन्हें आने जाने मे बड़ी कठिनाई हो रही थी, जिसकी शिकायत उन्होंने महिला हेल्पलाईन 181 के साथ उच्चाधिकारीयों को की थी।
जिसमें किसी भी प्रकार की कार्यवाही नही के जाने के कारण उन्होंने अपने देवर की बेटा बहु श्रीमती दिव्या सिंह को सारी जानकारी दी जिसके बाद श्रीमती दिव्या सिंह द्वारा अपने अधिवक्ता के माध्यम से सर्च वारंट जारी करने का निवेदन किया था जिस पर उचित कार्यवाही नही होने से महिला हेलालाईन द्वारा उच्चाधिकारीयों को उन्होंने सहायता के लिए पत्र लिखा था।
गौरतलब है कि रानी गीता राणा सिंह ने अपने अधिवक्ता विश्वनाथ सोनसरे के माध्यम से माननीय न्यायालय सुश्री राजेश्वरी सूर्यवंशी न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी सक्ती के न्यायालय मे घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत मामला पेश किया गया था।
माननीय न्यायालय की ओर से महिला एवं बाल कल्याण अधिकारी को घटना के संबंध मे तत्काल जांच प्रतिवेदन हेतु आदेश जारी किया गया था। जिसके अनुपालन मे दिनांक 29/05/2021 को महल मे वस्तु स्थिति की जानकारी लेने के लिए आये थें किंतु उनके चले जाने के बाद दोपहर करीब 04:00 बजे रोहित दोहरे , धर्मेन्द्र सिदार , धीरेन्द्र सिदार , कलीराम राजेश्वर, वीर विक्रम सिंह, सिदेश्वरी सिंह एवं उनके वकील एक राय होकर उनके निवासरत महल की दूसरी तल मे पहुंचकर गंदी गंदी गाली गलौज करते हुए धर्मेन्द्र सिदार, वीर विक्रम सिंह एवं उक्त सभी लोग कहने लगे कि तुम बार बार महल मे पुलिस बुलाती हो तुम यहां से निकलो कहकर रानी का गला दबाते हुये मारपीट करने लगे और रानी को बेहोशी हालत मे घसीटते हुये महल के मुख्य गेट के बाहर फेक दिये और वहाँ भी गंदी गंदी गाली गलौज एवं मारपीट करते हुये उनके दोनों मोबाइल भी लूट कर ले गये जिसके कारण वे अपने चित परिचितों से मोबाइल से सहायता तक प्राप्त नहीं कर सकी और एक राहगीर के मोटर सायकल से सफेद महल के गेट तक गई थी किंतु वहां भी बड़े बड़े ताले लगे हुये थे चिल्लाने पर भी उन्हें कोई सहायता नही मिली और न ही गेट खुला, शरीर में मारपीट के कारण अधिक दर्द एवं कई दिनों से कमरे मे बंद होने की शारीरिक अक्षमता के कारण बेहोश हो गयी थी काफी समय बात जब उन्हें होश आया तब नगर के कुछ लोग उन्हें लेकर आए।
उसके बाद वे अपने अधिवक्ता के साथ पुलिस थाना सक्ती जाकर रोहित दोहरे , धर्मेन्द्र सिदार , धीरेन्द्र सिदार , कलीराम , राजेश्वर , वीर विक्रम सिंह , सिद्धेश्वरी सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी थी। जिससे उन्हें चलने फिरने मे हो रही दिक्कत एवं बेहोशी के कारण प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सक्ती द्वारा उन्हें रात मे ही सिम्स बिलासपुर रिफर कर दिया गया था। हॉस्पिटल द्वारा किए गए पूर्ण उपचार के पश्चात दिनांक 06 जून 2021 को उन्हे डिस्चार्ज किया गया।
इस दौरान उनके अधिवक्ता विश्वनाथ सोनसरे द्वारा माननीय न्यायालय मे पेश घरेलू हिंसा का आवेदन प्रकरण मे माननीय न्यायालय सुश्री राजेश्वरी सूर्यवंशी न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी सक्ती ने आदेश दिनांक 04 जून 2021 को आदेश करते हुए रानी को वापस उनके निवास मे रहने एवं निवास पर सुरक्षा का आदेश रानी के पक्ष मे दिया गया है।
उक्त पूरे घटनाक्रम के बीच रानी विश्राम गृह सक्ती मे निवासरत थी जिन्हें माननीय न्यायालय सक्ती के आदेश के बाद दिनांक 10 जून 2021 की शाम विश्रामगृह से वापस राजमहल पुलिस और तहसीलदार की सुरक्षा मे पहुंचाया गया।