भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को राज्य प्रभारियों की सूची जारी की , देखे किसे कँहा की मिली है जिम्मेदारी ,,
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नई दिल्ली 14 नवम्बर 2020 - भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को अपने राज्य प्रभारियों की सूची जारी की है। जारी सूची के अनुसार साम्बित पात्रा को मणिपुर का प्रभारी, तरुण चुघ को जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और तेलंगाना का प्रभारी नियुक्त किया गया है। वहीं, डी पुरंदेश्वरी को छत्तीसगढ़ का प्रदेश प्रभारी बनाया गया है।
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और फिल्म कलाकार एनटी रामाराव की बेटी डी पुरंदेश्वरी को दक्षिण भारत की ‘सुषमा स्वराज’ कहा जाता है। वह अपनी भाषण शैली की वजह से दक्षिण में काफी लोकप्रिय नेता मानी जाती हैं। कहते हैं कि पुरंदेश्वरी को 5 भाषाओं की जानकारी है, जिसके जरिए वह अपने राज्य के अलावा दक्षिण के अन्य राज्यों में भी लोकप्रिय हैं। वह हिंदी, अंग्रेजी, तेलुगु के साथ-साथ तमिल और फ्रेंच भाषा की जानकार हैं।
डी. पुरंदेश्वरी ने 15वीं लोकसभा में विशाखापट्टनम से जीत हासिल की थी। इसके पहले वह चौदहवीं लोकसभा में बापट्ला सीट से चुनाव जीता था और कांग्रेस पार्टी की सरकार में एचआरडी मंत्री बनी थीं। 2014 के चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन करने के बाद वह राजमपेट लोकसभा सीट से चुनाव हार गईं। इसके बाद उन्हें भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की जिम्मेदारी देते हुए 3 जुलाई 2015 को महिला मोर्चा का प्रमुख बना दिया गया।
आपको बता दें कि डी. पुरंदेश्वरी एनटी रामाराव के 8बेटे और 4 बेटियों में से एक हैं। इनका विवाह डॉ. दग्गुबाटी वेंकेटेश्वर राव से हुआ है। उनके पति वाईएसआरसीपी के टिकट पर प्रकाशम जिले की परचूर विधानसभा सीट पर चुनाव मैदान में हैं।
वहीं भूपेंद्र यादव के प्रभारी रहते बीजेपी ने बिहार विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया. पार्टी को 74 सीटों पर जीत मिली और वो NDA के सबसे बड़े दल के रूप में सामने आई. इसलिए उन्हे दोबारा बिहार का प्रभारी बनाया गया है। उधर, गुजरात में विधानसभा की 8 सीटों पर हुए उपचुनाव में भी बीजेपी को जीत मिली. आठों सीटों पर बीजेपी ने कब्जा किया.
कैलाश विजयवर्गीय को एक बार फिर से पश्चिम बंगाल का प्रभारी बनाया गया है. बता दें कि कैलाश विजयवर्गीय मौजूदा समय में बंगाल के प्रभारी हैं. उन्होंने लोकसभा चुनाव में राज्य में बीजेपी को बंपर सफलता दिलाई थी. कैलाश विजयवर्गीय के प्रभारी रहते बीजेपी 2019 के लोकसभा चुनाव में बंगाल में 18 सीटें जीती. वहीं, पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा का चुनाव भी होना है. इसे ध्यान में रखते हुए पार्टी ने एक बार फिर उन्हें ये जिम्मेदारी सौंपी है