41 लाख लीटर पानी व्यर्थ बहाने वाले जलाशय से मात्र एक किलोमीटर दूर , झरिया का गंदा पानी पीने को मजबूर ग्रामीण
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कांकेर
कांकेर 29 मई 2023 - अपना महंगा मोबाइल खैरकट्टा जलाशय में डूबने के बाद मोबाइल को खोजने के लिए जहां एक फ़ूड इंस्पेक्टर ने 41 लाख लीटर पानी व्यर्थ बहा दिया। वहीं इसी खैरकट्टा जलाशय से मात्र एक किलोमीटर दूर पर बसे गांव में पानी के लिए हाहाकर मचा हुआ है। एक तरफ गर्मी के मौसम में पानी का संकट रहता है, वहीं दूसरी ओर 41 लीटर पानी एक फोन निकालने के लिए बहा दिया गया था। पानी की क्या अहमियत है इस गांव के लोगों की हालत से अंदाजा लगाया जा सकता है। जब ये ग्रामीण गंदा पानी पीने को मजबूर हैं और दूर तक पानी के लिए पैदल चल कर जा रहे हैं।
दरअसल, बोगनभोड़िया नामक गांव के आश्रित नया पारा में 22 परिवार के सैकड़ों ग्रामीण रहते हैं। ऐसे में यहां पानी के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। यहां के ग्रामीण कुएं नुमा झरिया का गंदा पानी पीने को मजबूर है। क्योंकि पेयजल का दूसरा कोई विकल्प ही नहीं है।
पीलू राम और राजकुमार मंडावी ने बताया कि उन्हें पता है कि गंदा पानी पीने से स्वास्थ्य संबंधी बीमारयों से जूझना पड़ सकता है। इसके बावजूद पेयजल का विकल्प नहीं होने के चलते गड्ढे से पानी पीना मजबूरी है। गांव ने वर्षों पूर्व एक हैण्डपम्प जरूर खोदवाया था परन्तु हैण्डपम्प वर्षों से खराब पड़ा है। ऐसे में विभागीय निष्क्रियता के चलते ग्रामीण बून्द-बून्द के लिए तरस रहे हैं। रोजाना ग्रामीण लगभग आधा किलोमीटर दूर तक पैदल चलते हैं और पेयजल कि लिए पानी इकठ्ठा करते हैं।
एक ओर पिछले हप्ते ही फ़ूड आफ़िसर का महंगा मोबाइल जलाशय में डूबने पर साहब ने अपना मोबाइल खोजने के लिए 41 लाख लीटर पानी बहा दिया। वहीं दूसरी ओर इसी जगह से मात्र एक किलोमीटर की दूरी पर यह दयनीय हालत बताने के लिए काफी है कि बून्द-बून्द पानी की क्या कीमत है। बरहाल देखने वाली बात है कि बून्द बून्द के लिए तरस रहे इस गांव के ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल कब नसीब होता है और गांव में लगा हैण्डपम्प की मरम्मत कब होती है??
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